जो घर फूंके अपना - 24 - फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी

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जो घर फूंके अपना 24 फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी आपको अपने साथ रूस की यात्रा करने का निमंत्रण तो मैंने दे दिया पर मेरी पीढी के लिये विदेश यात्रा का क्या अर्थ था,कितना रोमांस और तिलिस्म था इस शब्द में इसका अंदाज़ लगाना भी आज के परिवेश में आपके लिए मुश्किल होगा. संभव है आप अपनी सारी रातें विदेशियों के साथ उन्ही की भाषा में, उन्ही के क्षेत्र की ऐक्सेंट में बात करते हुए किसी कालसेंटर में बिताते हों और मानसिक रूप से विदेश में ही रहते हों. आपके कार्य से खुश होकर हर साल आपकी कंपनी आपको बैंगकाक