डॉ साहिल अपने अतीत में जाते हुए अपनी बातों को फिर से जारी करते हैं:- "मेरे लिए आलिया का अहसास होना ही काफ़ी था, मैं आत्माओ में विश्वाश करता था, मेरी माँ बचपन के दिनों........