हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5

(31)
  • 19.9k
  • 2
  • 11.7k

दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा और कुछ भी दिखाई नहीं देता और एक दिन वही लालच उस इंसान को ले डूबती है। देखो यहां पर कुछ भी नहीं है तुुम लोग डरना बंद करो और काम शुरू करो राजीव ने सामनेे खड़ी सभी मजदूरों से कहा। तो फिर अजय साहब कहां गए वहां खड़े मजदूरों में से एक आदमी आगे आते हुए बोला। रही बात उस अजय की तो वहां