'आगे का कुछ सोचे हो' "अनवर ने मासूमियत से फ़ोन पर पूछ लिया""इंदु" कुछ समय ख़ामोश रही और जवाब आया 'क्या' ? शाम का वक़्त और सारा शहर जहां बंद की स्थिति में हो तो उससे मिल पाना नामुमकिन था । 'ख़्याल आया फ़ोन मिलाया जाए' अक्सर हमारी बातें शुरू चाहे जहा से हो बात 'फ्यूचर' पा आ रुकती है । आज की बातें भी वही से शुरू हो रही थी । फ़ोन की रिंग उठाते हुए 'मैंने सबसे पहले कहा "हैल्लो" कैसी हो ? उधर से जवाब आया 'ठीक हु' तुम बताओ ?मैनें साँसे भरते हुए कहा ' हां' " मैं भी