रघुवन की कहानियां - सतरंगी दवाई

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रघुवन में गुड्डू गैंड़ाहाथी की पहचान भोजन के दुश्मन के नाम से होती थी वो जिधर भी कुछ भी खाने योग्य देखता तो उसे ख़त्म कर देता जो भी गुड्डू खाता देखता उसको यही लगता की मेरे लिए खाना बचेगा या नहीं? पर गुड्डू मस्त रहता और मजे से खाता उसको कभी भी किसी ने खाने के कारण परेशानी में नहीं देखा था।एक दिन जिफी जिराफ मजे से घास चार रहा था तभी उधर गुड्डू पहुंचा जिफी भी काया में गुड्डू से कुछ कम नहीं था। लंबा चौड़ा शरीर था उसका। भोजन उसे भी पसंद था।गुड्डू बोला आज