अपनी इस प्रस्तुति में मैंने अपनी उन कविताओं को शामिल किया है जो कोरोना महामारी के कारण देश मे जो परिस्थितियाँ बनी हैं, उन कारण पैदा हुई हैं। उम्मीद करता हूँ हम इन विषम परिस्थितियों से बहुत कुछ सीखकर बाहर निकल पाएँगें।(1) कोरोना दूर भगाएँ हमघर में रहकर आराम करें हम ,नवजीवन प्रदान करें हमकभी राष्ट्र पे आक्रान्ताओं का हीं भीषण शासन था,ना खेत हमारे होते थे ना फसल हमारा राशन था,गाँधी , नेहरू की कितनी रातें जेलों में खो जाती थीं,कितनी हीं लक्ष्मीबाई जाने आगों में सो जाती थीं,सालों साल बिताने पर यूँ आजादी का साल मिला,पर इसका अबतक