परियों का पेड़ - 13

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परियों का पेड़ (13) मौत के चंगुल में अब राजू के रास्ते में, उसके लक्ष्य के सामने कल – कल की तेज आवाज करता हुआ एक विशालकाय झरना बह रहा था | आगे का रास्ता उस झरने के नीचे की अत्यंत पतली, गीली और फिसलन भरी राह से गुजरता था | राजू ने एकदम हल्के, नाम मात्र के उजाले में बड़े ध्यान से उस रास्ते को देखा | एक बार में उस रास्ते से बस एक व्यक्ति ही जा सकता था | वह भी चट्टान के किनारों से चिपकते हुए या फिर ऊपर से लटकती हुई किसी मजबूत बेल का