परियों का पेड़ - 12

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परियों का पेड़ (12) दरिन्दे से मुठभेड़ फिर से बुरा फँसा बेचारा राजू | लेकिन अब वह सावधान हो चुका था | उसने आगे बढ़ाये हुए कदम तत्काल पीछे खींच लिए | क्योंकि खतरे को समझे बिना आगे बढ़ते रहना कोई बहादुरी नहीं होती | राजू ने पीछे को कदम लौटाते हुए यह महसूस किया कि दोनों जलती हुई चीज किसी बिल्ली जैसे जानवर की आँखें हैं | वह आँखें अब थोड़ा आगे आ रही हैं | अब उसे तत्काल समझ में आ गया कि यह कोई जानवर ही है, जो चुपचाप, दबे पाँव आगे बढ़ रहा है | शायद