फौजी सी मौत

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मृत्यु सभी की आनी एक दिन पर आए ऐसी हे भगवान मैं सोया रहूँ पुष्प सेज पर रो रहा हो सारा जहान... जब से मैंने होश संभाला गरीबी देखी कंगाली देखी दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी और भंगारी देखी फिर भी नहीं चाहूँ मैं सोना चाँदी न सुख सुविधा का कोई सामान बस इतना ही कर दो हे भगवान पूरे हो जाएं सारे अरमान बस मैं सोया रहूँ पुष्प सेज पर रो रहा हो सारा जहान... पढ़ लिखकर कुछ बड़ा करूँ ऐसे कहाँ मेरे हालात बस इतना ही बना दे मुझको के पास कर लूँ सारे इम्तहान और