तुम्हारी पृथ्वी - एक पत्र

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ब्रह्माण्ड (सौर मंडल) मेरे प्यारे पृथ्वी वासियों, ढेर सारा प्यार, मैं प्रकृति हूं, मुझे पहचानते तो होगे ही? क्यूँ नहीं पहचानेंगे, भई इतने पत्थर दिल तो नहीं की बर्बाद भी किया और पहचान तक नहीं। मैंने कई