बस की एक यात्रा(संस्मरण व व्यंग्य) कुछ दिन पूर्व एक शादी में पास ही के गांव जाना हुआ। वापसी के दौरान बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहा था। कुछ सवारियां और भी थी जो काफी वक्त से बस की राह तक रही थी। इनमें से कुछ लोग एक जत्थे के रूप में दृष्टिगोचर हो रहे थे। सफेद पटके और सिर पर सफेद पोत्ये बता रहे थे कि ये किसी नुकाण से आए थे। थोड़ी देर बाद पूछने पर पता चला कि ये सभी न्यात से लौट रहे हैं और काफी देर से यहां बस का इंतजार कर रहे