में और मेरे अहसास

(17)
  • 12k
  • 6
  • 5k

में और मेरे अहसास भाग-१ ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll काटे नहीं कटता एक पल यहां lकैसे कटेगी एक उम्र भला यहां ll बादलो ने फिर सेनशा किया लगता है lघंटों गरजते रहे परबरस ने का नाम ना लिया ll प्यार से छेडने में मजा आ गया lहाथ से छेड़ में मज़ा आ गया ll चांदनी रात में हुस्न को रूठा देख lजाम से छेड़ में मज़ा आ गया ॥ आसमान में चाँद निकला है lआज मेरा चाँद निखरा है lहुस्न