इस साल में तीसरी बार आना हुआ नानी के घर।नानी का घर पलवल में था,पहली बार जब आया तो नानी गुजर चुकी थी।नानी के गुजरते ही उसे फोन आया था लेकिन वह अंतिम संस्कार के वक़्त तक आ नहीं सका था।क्या वजह थी यह याद नहीं।लेकिन कोई जरूरी काम था या उसकी तबीयत खराब थी,कुछ था जरूर।वह अंतिम संस्कार के दूसरे दिन आया।सथर पर महिलाएं बैठी इधर उधर की दुनिया जहान की बातें कर रही थी।छोटे छोटे बच्चे इधर उधर दौड़ रहे थे या अपनी माँ की गोद में सो रहे थे।पुरुष लोग ताश पीट रहे थे।एक हलवाई बहुत बड़े