अतृप्त आत्मा भाग-2

(22)
  • 11k
  • 2.5k

मुझे होश कब आया मैं कितनी देर बेहोश रही कुछ नही पता पर जब मेरी आँख खुली तो रात हो चुकी थी ,क्योंकि आसमान में तारे दिख रहे थे , पर तभी अचानक मुझे याद आया कि मैं तो उस नीचे वाले हॉल में बेहोश हुई थी फिर ये आसमान कैसे दिख रहा है। मैंने अपने आस पास नजर दौड़ाई तो पाया कि मै उस झरोखों वाले आंगन में हूं और युवी अभी भी मुझे कही नही दिखा पता नही वो कहा गया था , मुझे कुछ समझ नही आ रहा था क्या वो मुझे अकेला छोड़ के भाग गया