अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - 10

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अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे...भाग-10.जंगल, रात में सोता नहीं है “तुम्हे चेताया गया था, भागने की कोशिश मत करना।” एक डाकू बोला। वह हाथ मे धनुष-बाण लिये खड़ा था और उसका निशाना अपने बंदी यानि व्यापारी की ओर था। दूसरा डाकू हाथ मे नंगी तलवार लिये खड़ा था।“यदि भागने की कोशिश करे तो जान से मार देना और प्रमाण स्वरूप उसका सिर साथ मे लेते आना; यही आदेश दिया गया था हमे। और यह भी कि हमने तुम्हे चेतावनी भी दे दी थी सो तुम्हे अब मरना ही होगा।” यह तलवार वाला डाकू बोला। वह तलवार ताने दो कदम आगे