अफसर का अभिनन्दन - 27

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प्रेस नोट की राम कहानी यशवन्त कोठारी इस क्षण भंगुर जीवन में सैकड़ो प्रेसनोट पढ़े। कई लिखे।छपवाये, मगर पिछले दिनो एक ऐसे प्रेस नोट से पाला पड़ा कि समस्त प्रकार के विचार मन में आ गये। मैंने अखबारों की नौकरी तो नहीं की मगर प्रेस नोट वाले नेताओं, अफसरो, उ़द्योगपतियों के बारे में जानकारी खूब हो गई। अक्सर प्रेस नोट लेकर अखबारों के दफतरो में दौड़ पड़ने वालो से भी मुलाकाते हो ही जाती है। सच पूछो तो बहुत से नेता तो केवल प्रेस नोट केबल पर ही बड़े नेता बन गये। उन्हे जनता से कोई लेना