मुम्बई कभी सोती नहीं उसकी नाइटलाइफ़ के बारे में यही कहा जाता है मुझे याद आ रहाहै ‘मुम्बई रात की बाहों में’ एथेना, लश, पॉइजन, वेलोसिटी, अजियानो, व्हाइट, इन्सोम्निया और इनिग्मा के डांस फ्लोर्स, कॉफ़ी शॉप्स और बार्स रात भर गुलज़ार रहते थे इन्हीं में से तय किया जाता था पार्टी का कांसेप्ट, थीम्स