गहरे जख़्म मिलेंगे , इल्म था , दानिस्ता दिल लगाया पर ।अंगारों पे पाँव रखे और इश्क़ को देखा छूकर ।।Gehre Zakhm Milenge , Ilm Tha , Daanistaa Dil Lagaya Par |Angaaron Pe Paanv Rakhe Aur Ishq Ko Dekha Chookar | |हर एक घूँट में शामिल है तेरे लबों का ज़ायका ।तभी तो हंसते हंसाते पी रहा हूँ ये ज़हर ।।Har Ek Ghoont Mein Shamil Hai Tere Labon Ka Zaayka |Tabhi Toh Hanste Hansaate Pee Raha Hoon Yeh Zehar | |अभी तो वक़्त है अभी ज़रा ठहरो , अभी वो नहीं आयी ।रुसवा इतनी जल्द भी न होने पाये ये