अफसर का अभिनन्दन - 3

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चुनाव में खड़ा स्मग्लर यश वन्त कोठारी वे एक बहुत बड़े स्मगलर थे। समय चलता रहा। वे भी चलते रहे। अब वे समाज सेवा करने लग गए। सुविधाएं बढ़ने लगीं। उनके पास सभी कुछ था। शा नदार कार, कोठी, और कामिनी। कोठी में सजा हुआ है डाइ्रग रुम और डाइंग रुम में आयातित राजनीति है। बड़े अजीब आदमी है। चूना भी फांक लेते है। क्यों कि पुरानी आदत है, छूटती नहीं। पाइप भी पीते है, नई-नई आदत है, होंठ तक जल जाते हैं। सूट भी पहन लेते हैं। इधर खादी भण्डार से भी कपड़े