अतृप्त आत्मा भाग -1

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ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के तीन बजे किले के मुख्य दरवाजे पर पहुँचे , अब यहां से आगे की चढ़ाई हमे पैदल ही चढ़नी थी । किले की चढ़ाई काफी ऊँची और सीधी है , चढ़ते चढ़ते मेरा दम फूलने लगा , तो युवी को चिढ़ाने का मौका मिल गया कहने लगा "लो तुम्हारी सांस तो इतने में ही फूलने लगा केसी राजपूत हो" मैं कोई जवाब ना दे आगे बढ़ती रही