वो लड़की 2 - पर्दा

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उस रात के बाद मेरी जिंदगी खौफ और दर्द की कहानी बन चुकी थी।मैं शुरु से बताता हूं।कमरे पर छोड़े जाने के बाद में रात के 12:30 बज गए थे पर मेरी आंखों से नींद कोसों दूर थी। तो सबसे पहले मैंने उस रात की दास्तान को अपनी डायरी में लिखा और अपने बिस्तर में दुबक गया था। पर नींद तो मानो आंखों से रूठ चुकी थी। हर आहट पर,, यहां तक कि झींगुर की आवाज से भी बदन में सिरहन दौड़ जाती थी ऊपर से पंखे की हवा से हिल रहा खिड़की का 'पर्दा ' मेरे दिल को दहला