घर लौट चलो...

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पाठकों ने मुझे और मेरे काम को इतना सराहया इसलिए आज मै अपनी तीसरी किताब लिख पाई हूं। इस बार मैंने कुछ अलग लिखा है जो आज कल हमारे सामने हो रहा है और हम उस जाल में धीरे धीरे फसते चले जा रहे हैं। मुझे आशा है कि इस बार भी आप सब लोग मेरे काम को सराहयेगें और शायद इसे पढ़ने के बाद आप कुछ नया सीखे।