चंद कवितायें

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खुद के कविताओं के बारे में क्या लिखू, कुछ बड़ा सोच के तो लिखा नहीं है सिवाय इसके कि बस पढ़ने में कविता टाइप लगे। पूर्णतः ओरिजिनल है, मगर फिलहाल मेरे खुद के ब्लॉग में पब्लिश्ड है, अगर आप कहेंगे तो उन्हें वहां से हटा लूँगा।