यह आकाशवाणी है

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क्रिकेट की कमेंट्री, समाचार, गोष्ठियां, संगीत सब कुछ हम तक रेडियो के माध्यम से ही पहुँचा। एक लंबे समय तक सूचनाओं के प्रसारण का सबसे अच्छा साधन रेडियो ही था। रेडियो देश के लोगों को एक सूत्र में बांधे रखने में सफल था रेडियो की पहुँच अमीर गरीब, पढ़े लिखे तथा अनपढ़, ग्रामीण एवं शहरी सभी तक है। यह लोगों तक सूचना तथा मनोरंजन पहुँचाने का सस्ता साधन है। रेडियो जनसाधारण के लिए एक सस्ता साधन है। टीवी व इंटरनेट की तरह इसके लिए आपको अलग से कोई राशि नहीं देनी पड़ती। कोई भी एक ट्रांजिस्टर खरीद कर रेडियो के कार्यक्रम सुन सकता है। रेडियो के जानकार मानते हैं कि भारत में अभी रेडियो का बहुत प्रसार करना बाकी है। रेडियो के विकास की जितनी संभावना है उसका दस प्रतिशत भी अभी नहीं हो पाया है। विकसित राष्ट्रों की तुलना में भारत जैसे विशाल देश में चैनलों की वर्तमान संख्या बहुत ही कम है। इंटरनेट रेडियो जैसी तकनीक का उपयोग अभी तक काफी सीमित है। सरकार को चाहिए कि रेडियो के प्रचार प्रसार पर ध्यान दे ताकि रेडियो प्रसार के एक सशक्त माध्यम के रूप में उभर सके।