दो गधों की सैर वार्ता

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यह मेरे चार बेहतरीन व्यंग्यों का संकलन है. इसमें मैंने राजनीतिक, सामाजिक और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर धारदार भाषा और शैली में टिप्पणी करने की कोशिश की है. आप को इन व्यंग्यों को पढना निश्चित ही एक सुखद अहसास तो देगा ही, आसपास बिखरी विसंगतियों को समझने में मदद भी करेगा.