["कभी-कभी कुछ सच्चे शब्द… थक चुके दिल को फिर से कोशिश करने की वजह दे जाते हैं।"]
करीब 34 दिन हो गए, जबसे एक तकनीकी परेशानी से जूझ रही हूँ।
ना आँकड़े सही दिख रहे हैं, ना ही कोई जवाब मिल रहा है।
कई ईमेल्स किए… पर हर बार सिर्फ इंतज़ार मिला।
मैं पिछले दो महीनों से एक और प्लेटफॉर्म पर भी लगातार मेहनत कर रही हूँ,
हर रोज़ कुछ नया लिखती हूँ, खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूँ —
पर जब मेहनत का असर नज़र ही न आए, तो मन टूट सा जाता है।
लेकिन आज जब एक प्यारे रीडर का कमेंट पढ़ा… तो दिल खुश गया।
सच में, कभी-कभी किसी के शब्द... "टूटे मन को फिर से जोड़ने की ताकत बन जाते हैं।"
आपका प्यार, आपकी बातों ने मुझे फिर से लिखने की हिम्मत दी।
आप सबका साथ ही मेरी असली ताकत है।
और जब तक आप हो — मैं हार नहीं मानूँगी।
शुक्रिया — दिल से। ❤️
-शिवांगी विश्वकर्मा