Sayant Books | Novel | Stories download free pdf

स्वयंवधू - 7

by N Vaishali Rao
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आज मेरे साथ दो घटना हुई। पहली, वृषा की मदद करने उनके कमरे में, उनके कपड़े निकालने पहली बार ...

स्वयंवधू - 6

by N Vaishali Rao
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वृषा को नहीं पता कि एक छोटा सा दाग एक लड़की के जीवन और उसके परिवार की छवि को ...

स्वयंवधू - 5

by N Vaishali Rao
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"क्या लगा हमे बेघर कर साँस भी ले पाओगी?", मेरी बुआ ने कहा,"किस जोंक से बात खर रही हो?", ...

स्वयंवधू - 4

by N Vaishali Rao
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अभी तक वृषाली का अपहरण किए उसे कैद में रख, उसका जीवन सामान्य ही चल रहा है लेकिन मासिकधर्म ...

स्वयंवधू - 3

by N Vaishali Rao
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'समीर बिजलानी और मान्या बिजलानी के बेटे, वृषा बिजलानी अब एकमात्र प्रतिभाशाली उत्तराधिकारी हैं, जो इस कॉर्पोरेट जगत में ...

स्वयंवधू - 2

by N Vaishali Rao
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"...फिर से कहना?", मुझे एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ,"अभी नहीं!", वह इतना शांत था ...

स्वयंवधू - 1

by N Vaishali Rao
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मैंने सुना था कि ज़िंदगी सभी को मौका देती है, यहाँ तक कि उसे भी जो इसके लायक नहीं ...