एहसास ए कविताएं..

  • 1.2k
  • 339

1 . यादें लेते जाना.... कभी आंसुओ तले दबी थी मैं हंस कर गम का घूंट पी थी मैंमालूम नहीं कहां खो गया वो पल वो लम्हा जो मेरा हुआ करता थाक्यूं ख़ामोश हो गया तक़दीर मेरा शायद गलती मेरी होती थी यकीन हो गया मुझेतेरी हर गलतियों पर पर्दा डाल तुमसे मिलने की चाहत जो रखती थीलेकिन अब तुम्हारे जैसा बनने लगी हूं सुन अब अपनी यादें लेते जानाइनकी जरूरत नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,, बस करो फिर से मेरे ख़्वाबों में आना मेरी सोई मोहब्बत को फिर से जगा जानाक्यूं करते हो मुझे तुम इतना हैरान मेरे सामने कुछ और सबको