शिखा श्रीवास्तव Books | Novel | Stories download free pdf

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 5

by Shikha Srivastava
  • 204

कुछ देर तक यूँ ही बैठे रहने के बाद उत्कर्ष ने कहा "सुन भाई चल कुछ देर सो लिया ...

फागुन के मौसम - भाग 24

by Shikha Srivastava
  • 321

थोड़ी ही देर में जब नंदिनी जी भी घर आ गयीं तब उन्हें चाय देकर राघव और तारा पराठे ...

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 4

by Shikha Srivastava
  • 375

इन्हीं ख्यालों में खोए हुए उत्कर्ष की तंद्रा तब टूटी जब ड्राइवर ने कार का दरवाजा खोलकर कहा "छोटे ...

फागुन के मौसम - भाग 23

by Shikha Srivastava
  • 369

जब दफ़्तर में लंच ब्रेक हुआ तब तारा राघव के पास आकर बोली, "राघव यार, तुम्हारे चक्कर में न ...

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 3

by Shikha Srivastava
  • 474

"आइए-आइए हमारे सरकार बहादुर का स्वागत है जो इस खतरनाक द्वीप पर खतरों से खेलकर सही-सलामत लौट आए।" पायलट ...

फागुन के मौसम - भाग 22

by Shikha Srivastava
  • 618

देर रात बनारस पहुँचने के कारण अगले दिन सुबह तारा की नींद भी देर से टूटी। वो अभी भी ...

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 2

by Shikha Srivastava
  • 774

उत्कर्ष का हवाई-जहाज ग्रांडे द्वीप पर एक उचित जगह देखकर लैंड कर चुका था। जहाज की खिड़की से उत्कर्ष ...

फागुन के मौसम - भाग 21

by Shikha Srivastava
  • 756

राघव की आदत थी रात में सोने से पहले वो अपनी और वैदेही की तस्वीर को कुछ पल देखने ...

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 1

by Shikha Srivastava
  • 1.6k

इंसान या यूँ कहिये इस ब्रह्मांड का कोई भी जीव चाहे लाख कोशिश क्यों ना कर ले, प्रकृति ने, ...

फागुन के मौसम - भाग 20

by Shikha Srivastava
  • 777

आश्रम में राघव के सामने किसी ने भी वैदेही को देखकर उसकी असली पहचान ज़ाहिर नहीं की। लीजा और ...