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समुद्राचा त्या किनारी ती भेट आपली न्यारी तुझा कडे बघत दिस गेला आणि सांज तुला घेऊन गेली
आई गेली आई गेली अनाथांची माय गेली मुलांना पोरके करून आज सिंधुताई सपकाळ गेली... -स्वप्नप्रिया
तुम जा रहें हो जाओ जाते जाते एक बात सुनकर जाना दुःख, दर्द, तकलीफ़े जो लाये थे साथ तुम उन्हें भी अपने साथ लेकर के जाना। -Swapnpriya
Ruthe bhi kise ham jis jis ne Dil dukhaya he o mere apne hi to he.. -Swapnpriya
तु स्वप्नात येताना आज गुलाब घेऊन ये त्याच्या सुवासाने माझी सकाळ गुलाबी होईल... -Swapnpriya
शब्द हे जपून वापरा शब्द तलवारी पेक्षा जास्त धारदार आहे याचा वार न दिसणारा पण खोलात जाऊन मनाला छिन्न विछिन्न करून.. देणार ते आयुष्यभर न भरणारा घाव आहे... ~ स्वप्नप्रिया
ना जाने क्यू वो हमको बदलना चाहते है हमें तो आदत सी हो चुकी है अपने आप में खोनेकी.... -Swapnpriya
ज़िंदगी चल रही हैं इस कदर की हम अपने ही खयालों में ढलते ही जा रहें क्या बताऊं मैं किसी को अपनी उलझन जब की हमें पता है हम किसीके समझ मैं नहीं आने वाले। -Swapnpriya
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