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Writer Shuchi

Writer Shuchi Matrubharti Verified

@shuchithakkar6017
(474)

फूल मिले चाहे काँटे....
जींदगी तो जींदगी है....
प्यार की बंदिश है....
पसंद है मुझे वो हमारी बंदिश गुनगुना ना....
तेरी यादों मे बेचेन होती रातों मे....!!

~ By Writer_shuchi_

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तेरा शुक्रगुज़ार हूं मैं....
कहने को वजह तो काफी है....
पर आज यू ही....
तेरा शुक्रगुज़ार हूं मैं....
तूं आई और चली गई जींदगी से....
थोड़े इतेफ़ाक़ से....
और थोड़े धोखे से....
तूं कुछ नए रंग भर गई जींदगी मे....
मुझे मुझसे जानिब कर गई....
शायद तूं अनजाने मे.....
तेरा शुक्रगुज़ार हूं मैं....
इन होठों की मुस्कुराहट के लिए....
तेरा शुक्रगुज़ार हूं मैं....

~ By Writer_shuchi_

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ज़िद्दी मन....
कुछ बेपरवाह सा....
युँ चंचल है....
पल मे हज़ार बातें करता....
मुझे अपने घेरे मे घेर लेता....
ज़िद्दी मन....
हर रंग के ख्वाब देखता....
फिर कहीं उन मे ही खो जाता....
कुछ बेपरवाह सा....
युँ चंचल है....
कभी खुद से ही हारता....
तो कभी खुद से ही जीत जाता....
वो अपने आप से ही लड़ता रहेता....
और वजेह बाहर ढूंढता रहेता....
उफ़....ये ज़िद्दी मन....!!!!

~ By Writer_shuchi_



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आधे रास्ते से लौट अना वो....
कैसा जाना है....?
रूठ के यू ही मान जाना भी....
कैसा रूठना है....?
गुस्से के पीछे मुस्कुराहट छुपा के....
तुम्हारे डांटने मे भी कैसा प्यार है....?
जो मेरे आँसू नहीं देख सकता....
और चुपके से प्यार जताता है....
वो रुमाल मेरी तरफ़ सरका के....

~ By Writer_shuchi_

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नैनो की भाषा....
क्या कमाल कर जाती है....
पल मे किसी को पास ले आती है....
तो पल में दूर कर जाती है....
कभी आँसूओ से दिल तोड़ती है....
तो कभी उन्ही आँसूओ के गीलेपन से
ना जाने जींदगी के कितने तजुर्बे करवा जाती है....
जीवन की कितनी कविताएँ समजा जाती है....

~ By Writer_shuchi_

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तुम्हारी बेफिकरी से ही तो प्यार है मुझे....
और तुम कहते हो,
" तुम्हारे लिए मैं खुद को भी बदल दूँगा"


~ By Writer_shuchi_

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મારા માટે આનંદ એટલે....
તારું હસતાં હસતાં મારી સાથે નાચવું....
એ રાતે ચાલવા જવું....
ઠંડી માં તારી સાથે કુલ્ફી ખાવી....
ને તારી ચમકતી આંખોમાં,
જીંદગી ની રંગીન ઝલક જોવી...
મારા માટે આનંદ એટલે....
તારા ખભે માથું મૂકી....
ઠંડી હવા ની સાથે,
તારા આલીશાન સપનાઓ ની ગરમાહાટ માણવી....

~ By Writer_shuchi_

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ढलती शाम मे वो ब्रेड बटर और चाय....
याद दिलाती है,
कॉलेज के कैंटीन मे होती वो मस्ती भरी खिचाय....
और फिर ठहाको की बारिश....!!

~ By Writer_shuchi_

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कोई वजेह तो होगी....
इस मन के युँ बार बार बेकारार होने की....
खुली आँखों से वही सपना बार बार देखने की....

" वर्ल्ड कप इंडियन क्रिकेट टीम के हाथों में चमक रहा है....
अपने देश की शान बढ़ा रहा है....
और स्टेडियम मे वो सारे हिंदुस्तानी....
ढोल बजाते हुए, साथ गाते और खुशी से नाचते हुए....
सबको बधाई दे रहे हैं....
तिरंगा पूरे जोश से हवा मे लहरा रहा है....
सब उल्लास मे डूब रहे हैं....
घर पर साथ बेठे वो,
भाई, बहन, मम्मी, पापा और दोस्त गले मील रहे हैं....
आसमान मे आतशबाझी चमक रही है....
पूरा देश दुआएं दे रहा है....
कोई वजेह तो होगी....
इस मन के युँ बार बार बेकारार होने की....
खुली आँखों से वही सपना बार बार देखने की....

~ By Writer_shuchi_

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पहले से पता था....
की गुलाब के साथ कांटे भी आयेंगे....
मगर अपनी खूशबू से गुलाब फिर दिल जीत लेगा....
जींदगी को भी नयी उम्मीद देगा....
और अपनी कोमलता से,
होठो पर मुस्कुराहट लाता रहेगा....

~ By Writer_shuchi_

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