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ताज़ीम अहमद

ताज़ीम अहमद

@rxvonwvz6842.mb


तुम्हें भुलाना चाहता हुं पर भुलाया न जाएगा,
वही पुराने गीत तेरे संग गुनगुनाना चाहता हुं,
पर गुनगुनाया न जाएगा
आपका ये हसीन चेहरा जिसे छिपाना चाहता हुं,
पर छिपाया न जायगा।

#भुलाना

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There is no mirror like face.
Which I shall try to read soon.
#चेहरा

एक चेहरे पे हज़ारों चेहरे लगा लेते हैं लोग।
जाने क्योंकर अपना दर्द छिपा लेते हैं लोग।।
#चेहरा

तेरी खामोश मोहब्बत को मैं
जानता हुं पहचानता हुं
और दिल की गहराइयों से
उसे महसूस करता हुं।
आप जानें या ना जाने
हम पर इस बात का
आप से गुजारिश है
कोई फर्क नहीं पड़ता है।
#महसूस

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I feel your difficulty level.
Say or not saying it to me.
#महसूस

आज वो मेरे घर पर आएंगे दोस्तों,
सुबह ही से ऐसा महसूस हो रहा है।
#महसूस

You can not grant nothing without esteem.
#आदर

आदर से बैठिए उनकी महफ़िल में
तनिक देर में अब वो आने वाले हैं।
#आदर

You are not called human being.
Unless you have no elegant heart.
#शिष्ट

दिल नहीं शिष्ट तो हैं किस काम के,
सौ घरों में यदि शिष्ट है झोंपड़ पट्टी।
#शिष्ट