Quotes by Rashmee Nagpal in Bitesapp read free

Rashmee Nagpal

Rashmee Nagpal

@rashmeenagpal104315


यूँ ही उन्मुक्त आंखों में..…
दिशा भ्रमित विवेक.........
मर्मभेदी बयानों में........
उलझ उलझ जाते है..........₹

तुमने जीवन को
जीवन ने तुम्हे
हम दोनों ने
एक दूसरे को समझा
देह ने देह को
आत्मा ने आत्मा को
प्रेम ने प्रेम को
एकाकार कर लिया..........₹

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दिलों के रिश्तों को रक्त के संबंधों की जरूरत नही होती....₹

सपने टूटते बनते रहेंगे.....
ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहेगी.......₹

ज़िन्दगी में जो है.....बस उसे ही संभालो...
वक्त के साथ ही....ख्वाइशें भी पालों........₹

इस चेहरे पर जीवन भर की कमाई दिखती है
एक हँसी है जो पछतावे जैसी है,
और मायूसी उम्मीद की तरह |
एक सरलता है जो सिर्फ़ झुकना जानती है,
एक घृणा जो कभी प्रेम का विरोध नहीं करती........₹

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कब तक समेटूं ये रेत उंगलियों में...
एक दिन तो फिसल जाना है...

क्यूँ लगता है, के तुझे बस जाना है........₹

औरों से थोड़ी अलग हूँ मैं,
इसलिए दिखती गलत हूँ मैं.........₹

दिल की दिल में न रह जाए ये कहानी कह लो,
चाहे दो हर्फ़ लिखो चाहे ज़बानी कह लो..........₹


[ज़बानी = verbally]

एक राजा था,,,उसने एक सर्वे करने का सोचा कि
मेरे राज्य के लोगों की घर गृहस्थी पति से चलती है या पत्नी से...??
?‍♂​?‍♂​

उसने एक ईनाम रखा कि " जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो, उसे मनपसंद घोडा़ ईनाम में मिलेगा और जिसके घर में पत्नी की चलती है वह एक सेब ले जाए.. ।
??

एक के बाद एक सभी नगरवासी सेब उठाकर जाने लगे ।
राजा को चिंता होने लगी.. क्या मेरे राज्य में सभी घरों में पत्नी का हुक्म चलता है,,??
इतने में एक लम्बी लम्बी मुछों वाला, मोटा तगडा़ और लाल लाल आखोंवाला जवान आया और बोला.....
" राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है .. घोडा़ मुझे दीजिए .."

राजा खुश हो गए और कहा जा अपना मनपसंद घोडा़ ले जाओ..चलो कोई एक घर तो मिला जहाँ पर आदमी की चलती है ??
जवान काला घोडा़ लेकर रवाना हो गया ।
!
घर गया और फिर थोडी़ देर में घोडा लेकर दरबार में वापिस लौट आया।
!
राजा: "क्या हुआ जवाँ मर्द...??? वापिस क्यों आ गये..??"
!
जवान : " महाराज,मेरी घरवाली कह रही है काला रंग अशुभ होता है, सफेद रंग शांति का प्रतिक होता है आप सफेद रंग वाला घोडा लेकर आओ... इसलिए आप मुझे सफेद रंग का घोडा़ दीजिए।
!
राजा: अच्छा... "घोडा़ रख ..और सेब लेकर चलता बन,,,
!
इसी तरह रात हो गई ...दरबार खाली हो गया,, लोग सेब लेकर चले गए ।
!
आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया,,,
!
राजा : "बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ...???"
!
महामंत्री : " महाराज आपने सेब और घोडा़ ईनाम में रखा है,इसकी जगह अगर एक मण अनाज या सोना वगेरहा रखा होता तो लोग कुछ दिन खा सकते या जेवर बना सकते थे,,,
!
राजा : "मैं भी ईनाम में यही रखना चाह रहा था लेकिन महारानी ने कहा कि सेब और घोडा़ ही ठीक है इसलिए वही रखा,,,,
!
महामंत्री : " महाराज आपके लिए सेब काट दूँ..!!!????
!
राजा को हँसी आ गई और पूछा यह सवाल तुम दरबार में या कल सुबह भी पूछ सकते थे आप आधी रात को ही क्यों आये.. ???
!
महामंत्री: "महाराज,मेरी धर्मपत्नी ने कहा अभी जाओ और अभी पूछ के आओ,,,सच्ची घटना का पता तो चले।
!
राजा ( बात काटकर ): "महामंत्री जी, सेब आप खुद ले लोगे या घर भेज दिया जाए ।"
!
*Moral Of The Story...*
*समाज चाहे जितना भी पुरुष प्रधान हो लेकिन*
*संसार स्त्री प्रधान ही है..!!*

*दोस्तो आप सेब यहीं खाओगे या घर ले जाओगे।*?????????

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