Quotes by Prem Kumar Manjhi in Bitesapp read free

Prem Kumar Manjhi

Prem Kumar Manjhi

@premji022


आंखो का मिलना फिर टकरार करना
जुबा से बात ना लेकिन दिल से प्यार करना
एक लडकी खिड़की के पास बैठी मुस्कुरा रही थी
देख आंखो में अचानक से घबरा रही थी
उस वक्त रात की दस बज रहा था
उसे सोचकर मेरा दिल हस रहा था
आंखो में शर्म की नुमाइश थी अभी
एक बार फिर मोहब्बत करू yesi ख्वाइस थी अभी
कहते थे लोग बुरा मुझको मिलने से पहले
मैं उससे मोहब्ब्त कर रहा जिसकी उम्र स्ताइस थी अभी
मैं खुद को बड़ा समझ बैठा मेरी उम्र बाइस थी अभी
रात कटी घर गया बात खत्म हो गई
सफर के परिंदा थे दोनो मुलाकात खत्म हो गई
वक्त पे उसकी ट्रेन की बोगी चली गई मेरी जिंदगी से स्टाइस खत्म हो गई
और आप ताली बजाइए फिर से इश्क करने की खवाइस खत्म हो गई ।

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