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धूप व छॉव की पतली लकीर पे खङी हूँ..... दोनों पार यादें है, सपने हैं और बहता हुआ वक्त भी.....
#kavyotsav दोस्त बहुत अनमोल रिश्ता है दोस्ती, जिसे पाने तरसती है हर हस्ती। किसी भी अपने, पराए, बेगाने के साथ जुङ सकता है ये संबंध,ना किसी जाति, धर्म का भेद,ना ही उम्र का बंधंन। दोस्ती ही तो जिंदगी को रंगीन बनाती है,वरना बिना दोस्तों के रंगीन जिंदगी भी बेरंग नजर आती है। सच्ची दोस्ती से बढकर कुछ नहीं है इस दुनिया में,एक भी सच्चा दोस्त मिल जाएं तो सारा जहाँ अपना है। जब सच्चा दोस्त साथ हो तो डर किस उङती चिङिया का नाम है? मौज-मस्ती में हर कद़म खिलखिलाने का काम़ है। जब आएं कोई तनाव या परेशानी,तो दोस्त के साथ से ही निकल जाता समाधान। दोस्तों का झूठा दिलासा ही शरीर में नई जान डाल देता है,और चेहरा घोर उदासी में भी मुस्करा देता है। एक सच्चा दोस्त बिना बताएं ही सब जान जाता है, हर परिस्थिति को दूर से ही भाँप लेता है। दोस्तों का साथ मिल जाएं तो हर बोझ हल्का व पल खुशनुमा हो जाता है। दोस्ती में ही तो है वो अजब-गजब शर्तें व कई कारनामें, वो नोकझोक, वो लङाई। कभी उसे सताना, फिर उसका रूठना, मेरा मनाना और अपना प्यार जताना। वो लफङे,दल,गरमा गर्मी, इसी तरह कई यादों को मन में बसाना। यहीं तो है दोस्ती की दुनिया के अजब-गजब रंग,मन करें सदैव रहें इस तरह वक्त का संग। जो रूठ गए और जो हो गई कुछ गलतियां,उन्हें भी सुधार लूँ, जिनसे न हो सकी दोस्ती, उनसे भी दोस्ती का हाथ अब बढा लूँ।
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