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*Khaufnaak Imarat Novel By Ibne Safi*

*SYNOPSIS*
“खबरदार होशियार…” इमरान ने चौकीदारों की तरह हांक लगाई। लेकिन फैयाज़ हैंडबैग खोल चुका था और फिर जो उसने ‘अरे बाप’ कहकर छलांग लगाई, तो एक सोफे पर जाकर पनाह ली। हैंड बैग से एक सियाह रंग का सांप निकलकर फर्श पर रेंग रहा था।

*AUTHOR* :- Ibn-e-Safi

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*Vaishali Ki Nagarvadhu (Novel) : Acharya Chatursen Shastri*

*SYNOPSIS*
Vaishali ki Nagarvadhu is a two-part Hindi novel by Acharya Chatursen Shastri, published in 1948-49. It is a biographical novel which showcases the lustful nature of society as well as other aspects of culture and history of early Buddhist era India.

वैशाली की नगरवधू, आचार्य चतुरसेन शास्त्री द्वारा रचित एक हिन्दी उपन्यास है जिसकी गणना हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में की जाती है। यह उपन्यास दो भागों में हैं, जिसके प्रथम संस्करण दिल्ली से क्रमशः 1948 तथा 1949 ई. में प्रकाशित हुए।

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*Devangana (Novel) : Acharya Chatursen Shastri*

*SYNOPSIS*
आज से ढाई हज़ार वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को ब्रह्मचर्य और सदाचार की शिक्षा देकर—बहुत जनों के हित के लिए, बहुत जनों के सुख के लिए, लोक पर दया करने के लिए, देव-मनुष्यों के प्रयोजन-हित सुख के लिए संसार में विचरण करने का आदेश दिया। वह 44 वर्षों तक, बरसात के तीन मासों को छोड़कर विचरण करते और लोगों को धर्मोपदेश देते रहे। उनका यह विचरण प्रायः सारे उत्तर प्रदेश और सारे बिहार तक ही सीमित था। इससे बाहर वे नहीं गए। परन्तु उनके जीवनकाल में ही उनके शिष्य भारत के अनेक भागों में पहुँच गये थे।

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*The God of Small Things Summary in Hindi*

*SYNOPSIS*
Author:- Arundhati Roy (born 24 November 1961) is an Indian author best known for her novel The God of Small Things (1997), which won the Man Booker Prize for Fiction in 1997.

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*Sati - सती*

*SYNOPSIS*
हरीश पबना एक संभ्रांत, भला वकील है, केवल वकालत के हिसाब से ही नहीं, मनुष्यता के हिसाब से भी। अपने देश के सब प्रकार के शुभ अनुष्ठानों के साथ वह थोड़ा-बहुत संबंधित रहता है। शहर का कोई भी काम उसे अलग रखकर नहीं होता। सबेरे 'दुर्नीति-दमन-समिति' की कार्यकारिणी सभा का एक विशेष अधिवेशन था, काम समाप्तकर घर लौटते हुए थोड़ा विलंब हो गया था। अब किसी तरह थोड़ा सा खा-पीकर अदालत पहुँचना आवश्यक है। विधवा छोटी बहन उमा पास बैठी हुई देखभाल कर रही थी कि कहीं समय की कमी से खाने-पीने में कमी न रह जाए।

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*Awaragard Acharya Chatursen Shastri Story*

*SYNOPSIS*
आवारागर्द आचार्य चतुरसेन शास्त्री की कहानी (Awaragard Acharya Chatursen Shastri Story) Awaragard Acharya Chatursen Shastri Ki Kahani एक आवारागर्द इंसान के प्रेम की कहानी है.

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*THE WERE-WOLF

*SYNOPSIS*
The great farm hall was ablaze with the fire-light, and noisy with laughter and talk and many-sounding work. None could be idle but the very young and the very old: little Rol, who was hugging a puppy, and old Trella, whose palsied hand fumbled over her knitting. The early evening had closed in, and the farm-servants, come from their outdoor work, had assembled in the ample hall, which gave space for a score or more of workers. Several of the men were engaged in carving, and to these were yielded the best place and light; others made or repaired fishing-tackle and harness, and a great seine net occupied three pairs of hands. Of the women most were sorting and mixing eider feather and chopping straw to add to it.

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*यही सच है*

*SYNOPSIS*
सामने आंगन में फैली धूप सिमटकर दीवारों पर चढ़ गई और कन्धे पर बस्ता लटकाए नन्हे-नन्हे बच्चों के झुंड-के-झुंड दिखाई दिए, तो एकाएक ही मुझे समय का आभास हुआ। घंटा भर हो गया यहाँ खड़े-खड़े और संजय का अभी तक पता नहीं! झुंझलाती-सी मैं कमरे में आती हूँ। कोने में रखी मेज़ पर किताबें बिखरी पड़ी हैं, कुछ खुली, कुछ बन्द। एक क्षण मैं उन्हें देखती रहती हूँ, फिर निरुद्देश्य-सी कपड़ों की अलमारी खोलकर सरसरी-सी नज़र से कपड़े देखती हूँ। सब बिखरे पड़े हैं। इतनी देर यों ही व्यर्थ खड़ी रही; इन्हें ही ठीक कर लेती। पर मन नहीं करता और फिर बन्द कर देती हूँ।

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