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कल तक जो कहते थे मरने की फुर्सत नहीं है..!! आज वो फुर्सत में बैठकर सोचते हैं जीना कैसे है..!!
अजीब सिलसिले है , तेरे मेरे दरमियां फासले और मोहब्बत दोनों बेइंतहा....
मै आरजू तो नहीं हूँ मगर तु पाल के देख मोहब्बतो मै कोई रास्ता निकाल के देख मै दोनो तरफ एक सा हूँ तेरे लिए किसी से शर्त लगा ओर फिर मुझे उछाल के देख..
रहे न कुछ मलाल बड़ी शिद्दत से कीजिये.. नफरत भी कीजिये तो ज़रा मोहब्बत से कीजिये..
_*मिट्टी से बने शरीर को अब गुरुर सा हो चला है,*_ _*की कपड़ो पर लगी मिट्टी उसका रुतबा कम करती है* ।
માણસો બદલાતાં નથી હોતા, તેઓ સ્પષ્ટ થતાં હોય છે
*प्रश्नपत्र है जिंदगी,* *जस की तस स्वीकार्य....* *कुछ भी वैकल्पिक नहीं,* *सभी प्रश्न अनिवार्य...!!*
*उम्र में, ओहदे में, कौन कितना बड़ा है, फर्क नही पड़ता !* *सजदे में, लहजे में, कौन कितना झुकता है, बहुत फर्क पड़ता है.....*
*_वक्त का पासा कभी भी पलट सकता है,_* *_तुम वही सितम करना जो ख़ुद सह सको।_*
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