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तेरी हर कविता का सार बनना चाहता हूं मै तो निशब्द हु तुझे पाकर शब्द बनना चाहता हूं... #सार
अजीब अंधेरा हैं इश्क़ तेरे महफिल मे... किसी ने दिल भी जलाया तो रौशनी नहीं हुयी
किसी टूटे मकान सा हो गया हैं ये दिल.. कमबख्त कोई रहता भी नहीं ओर बिकता भी नहीं...
बड़ी तब्दीलियाँ लाये हैं हम अपने आप में.. मगर तुम्हारी याद में रहने की आदत अब भी बाकि हैं....
प्यार यकीं दिलाने का मोहताज नहीं होता... एक दिल धड़कता हैं तो दूसरा समझता हैं..
कभी कभी इंसान सच मे हर जाता हैं, खामोश रहते रहते, सफाई देते देते, रिश्ते निभाते निभाते ओर अपने को मनाते मनाते..
अपने ख़्वाबों को किराये पर कभी मत देना... किरायेदार कँहा घर की कद्र करता हैं..
हजारों अधूरी हसरतों के बोझ तले भी... ऐ दिल तेरी गजब की हिम्मत है, जो धड़कता हैं..
#रिश्ता #इश्क़ मुझे नहीं पता रिश्तों की परिभाषा क्या हैं.. तुम्हारी खामोशियाँ में.. तुम्हें तुमको हँसता हुआ लौटा सकूँ.. मेरे लिए तो वही इश्क़ हैं...
एक भी कम की नहीं निकली ओर हाथ भरा परा हैं लकीरों से l
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