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मंजिल की तलाश है,पर राह राह नही | सीने में दर्द है, पर आह नही | मुझे जितना है खुद से अब दुसरों कि परवाह नही| -Deepak Tokalwad
मैं टुटा भी हूँ और रुठा भी हूँ यकीन मानो या ना मानो मैं झुठा भी हूँ | -Deepak Tokalwad
हम बडे नहीं शेठ हमारी पीछे जो पनौती है वही हमसे बडी है | दिपक
किसी भुखे से पुछो के रोटी की खुशबू इश्क से भारी है! -दिपक
मैं पिछला भुला नही वो अगले साल को जगाने चले है | अब पता चला के दुनिया की भीड मे हम कितने अकेले है| -Deepak
साल बदलने से क्या होगा? हाल वही बेहाल है यह मन ही जिंदगी का दलाल है साल गुजरेगा कैसा अच्छा या बुरा अब यही इसका सवाल है -Deepak
तलब हो गई थी इश्क की अब बदलकर हो गई है अश्क की दिपक
दिल का यही अरमान हैं के कोई एहसान मिले दोस्त, मिले दुश्मन मिले पर कोई गद्दार ना मिले मुद्दत से मिल जाए बेहतर जिंदगी पर उस जिंदगी से कोई शिकायत ना मिले
तुम भुल जाओ तो खता नहीं मैं भुल जाउ तो वफा नहीं मिले थे किस्मत से इश्क के कहानी मे याद आए तो जफा नहीं -दिपक
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