Quotes by Shashi Bansal Goyal in Bitesapp read free

Shashi Bansal Goyal

Shashi Bansal Goyal

@bansalshashi98gmailc
(7.3k)

नयनों के कजरा में हूँ मैं डूब रही
गागर हृदय की देखो मेरी रीत रही
रोपा था हरसिंगार जिस आँगन में
उदासियाँ यामिनी की वहाँ झर रहीं...
🌹शशि बंसल गोयल 🌹
2 जून 2020

Read More

हाईकू
1 )
श्रापित चंदा
टूक-टूक झरता
व्याधित तन
2 )
गिरा मावठा
माघ सिसक रहा
आशा धूमिल
3 )
किनारे छोड़
लहरें बह रहीं
एकाकी मन
4)
अंधेरी रात
टिमटिमाता लट्टू
आशा किरण
5 )
पनाह पाती
निशा के आँचल में
डरी सड़क
6 )
फ़िसल गई
रफ़्ता रफ़्ता ज़िंदगी
वक़्त की रेत
7 )
सघन मेघ
आच्छन्न पुनः रवि
शाश्वत बैर
8 )
गिरा कलश
रोली पग उकरे
श्री आगमन
9 )
पौष की भोर
तुहिन कण फैले
अलाव बुझे
10 )
छितरे बीज
वसुधा मुस्कुराई
गोद है भरी
11 )
शुष्क बयार
मंथरित विचार
कलम मौन
शशि बंसल गोयल

Read More

कविता...
सच्चाई से प्यार करो
जीवन का श्रृंगार करो
भूलो सारे राग-द्वेष
प्रेम का तुम संचार करो
नहीं थमा है न थमेगा
जग का पहिया विश्वास करो
बैठो कुछ पल अपने साथ
ख़ुद से ख़ुद की बात करो
सुना दादी-नानी के किस्से
बच्चों संग बचपन याद करो
बैठ छत पर चाँदनी में
चाँद-तारों का दीदार करो
दो पल की ज़िंदगानी है
न एक पल भी बर्बाद करो
शशि बंसल गोयल
स्वरचित
9/4/20

Read More