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ANKIT TIWARI

ANKIT TIWARI

@ank6787gmail.com7869


दिल की बेताबी नहीं ठहरने देती है मुझे
दिन कहीं रात कहीं सुब्ह कहीं शाम कहीं
- नज़ीर अकबराबादी

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ
सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ

~ राहत इंदौरी

बरसे हुए पानी से, सीखे वफाऐं कोई...

बादल तो अक्सर...शहर बदल लेते हैं !!

यूँ तेरा मायूस रहना भी ठीक नहीं
हर बात को हँस कर सहना भी ठीक नहीं

~ वाजिद शेख़

"कुछ शब्दों मैं तुझे कैसे लिखूँ",

"तेरे अहसास का तो हर लफ़्ज़ खास हैं"...!

"फांसला है बहुत मासूम होने और दिखने में",

"हूबहू जैसे मोहब्बत होने और लिखने में"...!

Suno....
कमियाँ किसमें नहीं हैं,
हममें भी है तुम्हारी कमी !

तलब .. तोहमतें तुम्हारी
ख़्वाहिश .. इश्क़ की आग में जलते तुम! उफ़ ..

अज्ञात

मैं खुद अपने लिए अजनबी हूँ...

मुझे गैर कहने वाले.... तेरी बात में दम है ...!!

तस्सवुर में चले आओ के दीदार ही कर लें,,
तमन्ना तुमसे मिलने की तो पूरी हो नहीं सकती।