🌸 मेरे शब्द रेलगाड़ी जैसे 🌸
मेरे शब्द रेलगाड़ी जैसे,
हर स्टेशन पर ठहर जाते हैं।
नए अर्थों की भीड़ समेटे,
फिर मंज़िल की ओर बढ़ जाते हैं।
हर डिब्बे में भाव बसेरे,
कुछ मुस्कानें, कुछ अश्रु घेरे।
पटरियों पर चलती धुन जैसी,
कहानी मन की बन जाती है।
शब्दों की यह निरंतर यात्रा,
अनंत सपनों तक पहुँचाती है।
~ Vachana Jalore