💞 मेरी चाहत तुम 💞
लिख दूं नाम तुम्हारा दिल पर, या खाली ही रहने दूं.....
घूमूं वृंदावन की गलियों में, और ढुंढू उन्हीं गलियों में कहीं तुम्हें ......
या राधे राधे कहने दूं,जब से नज़रे मिली है तुमसे.....
दिल में प्यार जगाया तुमने, शिकायत क्या करूं तुमसे ....
अब दिन नहीं चैन रात नहीं , क्योंकि दिल को बैचेन किया है तुमने ......
मिलने का कोई वादा नही, बस एक झलक दिखलाई है तुमने......
मेरी आंखों का सुख हो तुम, मिलो चाहें या नहीं, ये कभी चाहा नही ......
बस तुमसे तुमको देखने तक का हक़ मांगा है, पर वो भी मुझे मिला नहीं .........
छोड़ो सब जाने दो क्योंकि अब कोई शिकयत नही ........
क्योंकि शायद यहीं हमारी किस्मत रही ........
बस इतनी सी मेरी चाहत रही ..........