कालरात्रि देवी
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या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: 🙏 🙏
आज देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है । माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।
कालरात्रि देवी को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृत्यू-रुद्राणी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है।
कालरात्रि देवी राक्षस,भूत, प्रेत, पिशाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती हैं। जीवन में ऊर्जा का संचार करती हैं एवं लोगों को भयमुक्त करती हैं। माँ कालरात्रि देवी सभी का हित करें सभी के जीवन में नयी ऊर्जा का संचार करें 🙏🙏
माँ कालरात्रि
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काली ,चंडी, धूम्रवर्णा,चंड- मुंड चंडिका
कालरात्रि के रूप में हैं माँ जगदंबिका
शुंभ-,निशुंभ दैत्य रक्तबीज का संहार किया
गर्दभ पर विराजती माता- जननी अंबिका।
कालिमा को ओढ़ कर तेज धारण किया
नर मुंड माल पहन पापियों का तारण किया
केश बिखराए हुए तीन नेत्र धारिणी माँ
बड़ी ही चतुराई से कष्टों का निवारण किया।
नौ अदभुत रूप देवी का सत्कर्मो से है भरा
कल्याण के लिए ही तो हर रूप माँ ने धरा
कालरात्रि बन देती सबको सीख है माँ भवानी
शिव की अर्धांगिनी को कोई नहीं सकता हरा ।
आभा दवे ©
21-10-2023
शनिवार, मुंबई