स्कंदमाता
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या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:🙏🙏
आज नवरात्रि का पाँचवाँ दिन है । आज स्कंदमाता की उपासना की जाती है। भगवान शिव की अर्द्धांगिनी के रूप में माँ ने स्वामी कार्तिकेय को जन्म दिया था। स्वामी कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कंद है, इसलिए माँ दुर्गा के इस रूप को स्कंदमाता कहा गया है। जो कि प्रेम और वात्सल्य की मूर्ति हैं। माँ हमारे मन को शांति प्रदान करती हैं। माँ का आशीर्वाद सभी पर सदैव बना रहे 🙏🙏
माँ स्तुति
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परम सुखदायिनी , बलशालिनी
चार भुजा धारिणी, सुहासिनी
स्वामी कार्तिकेय की माँ जन्मदात्री
कहलाती है स्कंद माता तू भवानी।
सौम्य, सुंदर, कोमल और कठोर
काँपे तुझसे देवता भी ढूँढें ठोर
कमल आसन पर माँ विराजती
सिंह सवारी कर प्रेम से बाँधी डोर ।
धारण करती माँ शुभ्र रंग पीला
अनोखी होती है माँ तेरी लीला
स्नेह , वात्सल्य की माँ मूर्ति न्यारी
तुझसे ही तो है माँ आकाश नीला।
करुणा सभी पर करना महारानी
वचनों में से निकले मधुर बानी
हृदयांगन आंनद से सदा दीप्त हो
जय जयकार करें माँ तेरा भवानी।
आभा दवे©
19-10-2023
गुरुवार