#नक़ाब खुशी का


जाने वो लोग कैसे होते हैं,
रोते हुए चेहरे पे नक़ाब
खुशी की चढ़ा लेते हैं,
हमने हर बार कोशिश की
यूं चेहरे पर चेहरा लगाने की,
हर बार नाकाम हुए अपने इरादों में,
अभी तो जिंदगी की चुनौतियों से
ठनी हुइ है,
हर रोज टूट रही हूं, हर रोज
बिखर रही हूं,
तिनका तिनका ख़ुद को हर रोज
समेट रही हूं!!
दिल पर लगे हैं चोट बहुत गहरे,
लम्हों में जी रही हूं, लम्हों में मर
रही हूं!!

जाने कैसे होते हैं वो लोग,
जो रोते हुए चेहरे पे नक़ाब,
खुशी की चढ़ा लेते हैं!!

Hindi Poem by F. S : 111877869

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