सीता नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏
सीता नवमी पर विशेष
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नारी की महिमा है न्यारी
सीता मैया सभी की प्यारी
राम संग सुशोभित होती
सभी की देवी सीता हमारी।
सीता
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मैं सीता न्यारी, जनक की राजदुलारी
नहीं थी कोई भी मेरी लाचारी
पृथ्वी पुत्री बन कर आई थी धरा पर
मैं ही करती हूँ शेर पर सवारी ।
विधि का विधान था जन्म लेना मेरा महान था
प्रेम, धैर्य, त्याग और तपस्या का देना बलिदान था
नारी बिना पुरुष, पुरुष बिना नारी अधूरे संसार में
अच्छे बुरे - कर्मों का देना मुझे संसार को ज्ञान था।
राम और रावण दोनों को ये सब अंतर्ज्ञान था
ऋषि- मुनियों को भी इस माया का संज्ञान था
धरा -पुत्री अपने महान कर्मों को कर धरा में समा गई
देवी- देवताओं को सदैव ही सीता पर अभिमान था।
आभा दवे
मुंबई