शिर्षक: तेरे जाने के बाद
जाने से पहले तुम रुकोगी, ये ख्याल था
तुम्हारे स्पर्श में, कँपकपी का अहसास था
रिश्तों की बुनियाद में, ये कोई अविश्वास था
सागर सी विस्तृत जिंदगी में
हमारा प्यार तो तिनका था
बहजाने का उसको अधिकार था
बेवजह की तुम्हारी शर्मिंदगी में
मेरा कहाँ कुछ समझने का दस्तूर था ?
हालात कुछ ऐसे हुए होंगे
मेरे कदमों के निशान मिट गये होंगे
नयनों में इंतजार के दीप
तुमने फिर नहीं जलाये होंगे
सिमटती सी रात में
किसी की गैर हसरतों ने
दामन में दागी फूल बिछाए होंगे
न कहना, ख्याल ही मेरा ठहरा
दीया तले नजर नहीं आता, प्रकाश गहरा
अतीत के चिन्ह में, जख्मों का होता डेरा
प्यार पर से हट जाता, जब समझ का पहरा
प्रिय तुम्हारा चले जाना, एक जख्म गहरा
कल तुम बिन रहेंगे, हालात बदले होंगे
रिमझिम सी यादों की बूंदों से झुंझलायेंगे
और कुछ दिन शायद तुम बिन न रह पायेंगे
सच यही, सफर के राही, फिर वैसे न मिल पायेंगे
मंजिले और भी है, भटक न पाएंगे, सँभल जाएंगे
हाथ छूटा तो, साथ छूटा, ये हम कभी न कह पायेंगे
जीना भी जरुरी, वक्त बदला, हम भी बदल जाएंगे
दस्तूरी प्यार में, कब तक बिन महक का फूल उगाएंगे
✍️ कमल भंसाली