शास्त्रों के अनुसार देवी पार्वती घोर तप के बाद शिव की अद्र्धागिनी बनीं। सबसे पहले महादेव को राम नाम लिखकर बेलपत्र उन्होंने ही चढ़ाया था। ... माता ने उन्हें खुश करने के लिए ही बेलपत्र पर राम नाम लिख शिव को अर्पित किया। प्रधान पुजारी कहते हैं कि सावन माह वैसे भी शिव को राम नाम लिखा हुआ बिल्वपत्र प्रिय होता है।