#स्त्री की #सुंदरता देखनी है
उसकी #आँखों में नही
आँखों के नीचे बने #काले_घेरों में देखो
ये घेरे इस बात के #साक्षी हैं
कि उसकी सुंदरता #आरोपित नही है
उसकी सुंदरता #रात_रात में अपने #बच्चे_को_लोरी सुनाने और उसका #बिस्तर_बदलने से आई है
उसकी सुंदरता किसी को #आंखों_में_बसाने से आई है
वे लोग बहुत #सौभाग्यशाली होते हैं
जिन्हें एक स्त्री #नींद के बदले अपने #नयनों में #जगह देती है
उसकी सुंदरता #गृहस्थी_के_पाट में #पिसकर आई है
ये आँख के नीचे घिरे #काले_बादल
#सींचते हैं हर #व्यक्ति को
क्या आपने भी इन घेरों में #स्नान किया है ?
इन्हें #प्रणाम करिए
ये #नीलकंठ से भी #आदरणीय हैं
#सत्य , #शिव और #सुंदर है
इन्होंने #रात को #पीकर #सुबह की है .........🍁

Hindi Thought by Raj_S : 111746338

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